The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
Lord, if the ocean was churned along with the fatal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the whole world from destruction. Your throat grew to become blue, Consequently You are referred to as Nilakantha.
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत more info छवि भारी ।
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
जन्म जन्म के Shiv chaisa पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥